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Our Vision

हमारा उद्देश्य :-


संस्कृत भाषा भारतवर्ष की आध्यात्मिक चेतना का प्राण है | जिनसे शासित भारतीय नैतिक मूल्य सृष्टि के प्रारंभ से ही विश्व समुदाय के लिए स्पृहणीय है | संस्कृत भाषा की इन अनुपम विशेषताओं के कारण राजस्थान सरकार ने राष्ट्र के सांस्कृतिक साहित्यिक एवं आध्यात्मिक मानचित्र में अपना नाम दर्ज कराते हुए फरवरी 1958 में स्वतंत्र संस्कृत शिक्षा निदेशालय की स्थापना की संपूर्ण देश में राजस्थान ही एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां संस्कृत शिक्षा का पृथक निदेशालय एवं विभाग के पृथक मंत्री हैं इसी क्रम में राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठापना भी की गई है |
हमारा उद्देश्य है कि देववाणी और हमारी जननी भाषा का उत्तरोत्तर विकास हो सके तथा इसकी प्रमुख तब तक आम लोगों तक बन सके |